8 नवम्बर 2016 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के नोट बंद कर सब को चौका दिया। प्रधानमंत्री ने रात 8 बजे नोट बंद की घोषणा की ताकि भ्रष्टाचारियो को मौका नहीं मिले। इस लेख में आज में आपको सबकुछ समझने की कोशिश करूँगा।
प्रधानमंत्री जी द्वारा लिए गए फैसलो में 500 और 1000 के नोट बंद करना और पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक करना अहम फैसले थे। ऐसे कड़े फैसले लेना हर किसी के बस की बात नहीं। सोचिये ये कितने रिस्की फैसले थे लेकिन कहते है। रिस्क के आगे ही जीत है। किसी भी देश, राज्य और परिवार के विकास के लिए कड़े फैसले लेना जरुरी है। भारत में जनसंख्या वृदि , भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, क्राइम रिकॉर्ड लगातार बढ़ रहे है इनके लिए कड़े फैसले लेना जरुरी है।
आईये जानते है कैसे होगा देश को फायदा - सरकार ने पुराने नोट को ही नयी डिजाइन के साथ पेश किया है जिससे पुराने नोटों को भ्रष्ट्राचारियों द्वारा नष्ट करने से देश को नुकसान नहीं बल्कि फायदा होगा। ये इसी प्रकार है जैसे पोर्ट करने पर पुरानी मोबाइल सिम काम करना बंद कर देती है और नयी सिम एक्टिवेट हो जाती है।
देश को क्या फायदा होगा - भ्रष्ट्राचारियों से कुछ दिनों पहले 45 प्रतिशत जमा करने को कहा था लेकिन ये नहीं माने और अब 100 प्रतिशत देना पड़ रहा है, जिससे सरकारी खजाने में वृदि होगी फलस्वरूप नयी योजनाओ में वृदि होगी, नयी नौकरियों का सृजन होगा, रोड, रेल, शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर का डेवलप होगा।
क्या इससे भ्रष्टाचार खत्म होगा - नहीं, इससे बिलकुल भी भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा लेकिन अब तक की गई वसूली सरकार द्वारा जब्त कर ली गयी है लेकिन अब यह ट्रेंड बदल जायेगा भष्ट लोग गोल्ड जैसी बहुमूल्य वस्तुओ को तुरंत खरीद लेंगे जिससे सरकार आगे ऐसे फैसले लेगी तो उसका कोई असर नहीं पड़ेगा। इससे बचने के लिए भ्रष्ट कर्मचारियों को सस्पेंड नहीं वल्कि टर्मिनेट करने की जरुरत है या पुरे देश को कैशलेस (ई - ट्रांजेक्शन ) बनाना होगा।
पोलीटिक पार्टियों का नजरिया - हमारे देश की लगभग सभी पार्टियों ने भ्रष्टाचार की हद पर कर दी। अब आने वाले चुनाव के लिए पर्याप्त पैसे नहीं है क्योंकि सारा कालाधन सरकार ने बेकार कर दिया। इसलिए एक सुर में बौखलाए हुए है।
सरकार के इस फैसले को लगभग सभी लोग जो सारे दिन लाइन में खड़े होने पर भी सही मान रहे है। दूसरी तरफ राजनितिक पार्टिया इसको गलत बता कर कोर्ट में याचिका दायर कर रहे है इससे आप समझ सकते है कि वो कितने ईमानदार है और उन्हें जनता की परवाह है या खुद के नोटों की चिंता।
सभी प्रमुख राजनितिक दल और बड़े नेता एक सुर में नोट बंद का पुरजोर से विरोध कर रहे है। इनकी दलील है कि इससे जनता को परेशानी हो रही है। ये सही है कि जनता को इस फैसले से परेशानी हो रही है, लेकिन क्या एक इंडियन आर्मी का जवान -50 डिग्री तापमान में सारी रात बॉर्डर पर खड़ा हो कर देश सेवा कर रहा है।, एक किसान विपरीत परिस्थितियों में फसल पैदा कर देश की सेवा करता है। वैज्ञानिक और सेना के पास आधुनिक उपकरण उपलब्ध नहीं है लेकिन ये कभी शिकायत नहीं करते कि हम काम नहीं कर सकते.
भारतीय जनता के लिए ये परेशानी नहीं बल्कि दुनिया को अपनी ताकत दिखने का मौका है, कि भारत कुछ ही दिनों में विकासशील से विकसित देश का ख़िताब पाने वाला है .
सिस्टम में कैसे हो बदलाव - रिशवत देना मजबूरी है। क्योंकि वो फाइल आगे नहीं बढ़ती चाहे 100 साल ही क्यू न हो जाये, इससे बचने के लिए सभी सरकारी ऑफिस में केवल इ-फाइल जाये, रिजेक्टेड फाइल ऊपर के अधिकारी को ऑटोमैटिक 7 दिन में फॉरवर्ड हो, यदि फिर भी रिजेक्ट होती है तो अगले 7 सात दिन में और ऊपर के अधिकारी को आटोमेटिक फॉरवर्ड हो और ये क्रम सीएम या पीएम तक जाये।
प्रधानमंत्री ने मांगे 50 दिन - हम सभी जानते है कि इतनी बड़ी अर्थव्यवस्था को सुधारना आसान काम नहीं है और जब आधी जनसंख्या अशिक्षित हो तो ये और कठिन हो जाता है इसलिए 50 दिन भी काम है। ऐसे में हमें ये समझने की जरुरत है की दावा कड़वी होती है।
देश या राजनितिक पार्टी - हमने अलग - अलग राजनीतिक पार्टी ज्वाइन कर रखी है। जिससे पार्टी - प्रमुख के एक इसारे पर दंगा करने को तैयार रहते है। लेकिन ये भूल जाते है कि देश को कितना बड़ा नुकसान होता है। देश हित में लिए गए फैसले चाहे किसी भी पार्टी के हो हमें खुले दिल से समर्थन करना चाहिए।
क्या हो और बड़े फैसले
01. सरकारी या प्राइवेट सब के लिए सामान काम सामान वेतन
02. न्याय मिलने की तय समय सीमा
03. राजनीती में अधिकतम आयु सीमा
04. राजनीती में एक ही पद पर दो बार से अधिक नहीं रहे सके
05. जानसंख्या वृद्वि पर तुरंत रोक
06 .भ्रष्ट कर्मचारियों को सस्पेंड नहीं टर्मिनेट करे
07. पुरे देश में सभी परिवारों के फाइनेंसियल, प्रोपर्टी, शिक्षा जैसे रिकॉर्ड ऑनलाइन हो
08. सभी को काम मिले या उचित मुआवजा मिले
09. महंगाई भत्ता प्रत्येक नागरिक के लिए हो
10. सभी परिवारों को घर मिले, एक से अधिक घर होने पर टैक्स लगे
11. टैक्स बढ़ाने पर नहीं बल्कि टैक्स वसूलने पर जोर देने की जरुरत है।
12. पुरे देश को कैशलेस (ई - ट्रांजेक्शन ) आधारित बनाना होगा।
प्रधानमंत्री जी द्वारा लिए गए फैसलो में 500 और 1000 के नोट बंद करना और पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक करना अहम फैसले थे। ऐसे कड़े फैसले लेना हर किसी के बस की बात नहीं। सोचिये ये कितने रिस्की फैसले थे लेकिन कहते है। रिस्क के आगे ही जीत है। किसी भी देश, राज्य और परिवार के विकास के लिए कड़े फैसले लेना जरुरी है। भारत में जनसंख्या वृदि , भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, क्राइम रिकॉर्ड लगातार बढ़ रहे है इनके लिए कड़े फैसले लेना जरुरी है।
आईये जानते है कैसे होगा देश को फायदा - सरकार ने पुराने नोट को ही नयी डिजाइन के साथ पेश किया है जिससे पुराने नोटों को भ्रष्ट्राचारियों द्वारा नष्ट करने से देश को नुकसान नहीं बल्कि फायदा होगा। ये इसी प्रकार है जैसे पोर्ट करने पर पुरानी मोबाइल सिम काम करना बंद कर देती है और नयी सिम एक्टिवेट हो जाती है।
देश को क्या फायदा होगा - भ्रष्ट्राचारियों से कुछ दिनों पहले 45 प्रतिशत जमा करने को कहा था लेकिन ये नहीं माने और अब 100 प्रतिशत देना पड़ रहा है, जिससे सरकारी खजाने में वृदि होगी फलस्वरूप नयी योजनाओ में वृदि होगी, नयी नौकरियों का सृजन होगा, रोड, रेल, शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर का डेवलप होगा।
क्या इससे भ्रष्टाचार खत्म होगा - नहीं, इससे बिलकुल भी भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा लेकिन अब तक की गई वसूली सरकार द्वारा जब्त कर ली गयी है लेकिन अब यह ट्रेंड बदल जायेगा भष्ट लोग गोल्ड जैसी बहुमूल्य वस्तुओ को तुरंत खरीद लेंगे जिससे सरकार आगे ऐसे फैसले लेगी तो उसका कोई असर नहीं पड़ेगा। इससे बचने के लिए भ्रष्ट कर्मचारियों को सस्पेंड नहीं वल्कि टर्मिनेट करने की जरुरत है या पुरे देश को कैशलेस (ई - ट्रांजेक्शन ) बनाना होगा।
पोलीटिक पार्टियों का नजरिया - हमारे देश की लगभग सभी पार्टियों ने भ्रष्टाचार की हद पर कर दी। अब आने वाले चुनाव के लिए पर्याप्त पैसे नहीं है क्योंकि सारा कालाधन सरकार ने बेकार कर दिया। इसलिए एक सुर में बौखलाए हुए है।
सरकार के इस फैसले को लगभग सभी लोग जो सारे दिन लाइन में खड़े होने पर भी सही मान रहे है। दूसरी तरफ राजनितिक पार्टिया इसको गलत बता कर कोर्ट में याचिका दायर कर रहे है इससे आप समझ सकते है कि वो कितने ईमानदार है और उन्हें जनता की परवाह है या खुद के नोटों की चिंता।
सभी प्रमुख राजनितिक दल और बड़े नेता एक सुर में नोट बंद का पुरजोर से विरोध कर रहे है। इनकी दलील है कि इससे जनता को परेशानी हो रही है। ये सही है कि जनता को इस फैसले से परेशानी हो रही है, लेकिन क्या एक इंडियन आर्मी का जवान -50 डिग्री तापमान में सारी रात बॉर्डर पर खड़ा हो कर देश सेवा कर रहा है।, एक किसान विपरीत परिस्थितियों में फसल पैदा कर देश की सेवा करता है। वैज्ञानिक और सेना के पास आधुनिक उपकरण उपलब्ध नहीं है लेकिन ये कभी शिकायत नहीं करते कि हम काम नहीं कर सकते.
भारतीय जनता के लिए ये परेशानी नहीं बल्कि दुनिया को अपनी ताकत दिखने का मौका है, कि भारत कुछ ही दिनों में विकासशील से विकसित देश का ख़िताब पाने वाला है .
सिस्टम में कैसे हो बदलाव - रिशवत देना मजबूरी है। क्योंकि वो फाइल आगे नहीं बढ़ती चाहे 100 साल ही क्यू न हो जाये, इससे बचने के लिए सभी सरकारी ऑफिस में केवल इ-फाइल जाये, रिजेक्टेड फाइल ऊपर के अधिकारी को ऑटोमैटिक 7 दिन में फॉरवर्ड हो, यदि फिर भी रिजेक्ट होती है तो अगले 7 सात दिन में और ऊपर के अधिकारी को आटोमेटिक फॉरवर्ड हो और ये क्रम सीएम या पीएम तक जाये।
प्रधानमंत्री ने मांगे 50 दिन - हम सभी जानते है कि इतनी बड़ी अर्थव्यवस्था को सुधारना आसान काम नहीं है और जब आधी जनसंख्या अशिक्षित हो तो ये और कठिन हो जाता है इसलिए 50 दिन भी काम है। ऐसे में हमें ये समझने की जरुरत है की दावा कड़वी होती है।
देश या राजनितिक पार्टी - हमने अलग - अलग राजनीतिक पार्टी ज्वाइन कर रखी है। जिससे पार्टी - प्रमुख के एक इसारे पर दंगा करने को तैयार रहते है। लेकिन ये भूल जाते है कि देश को कितना बड़ा नुकसान होता है। देश हित में लिए गए फैसले चाहे किसी भी पार्टी के हो हमें खुले दिल से समर्थन करना चाहिए।
क्या हो और बड़े फैसले
01. सरकारी या प्राइवेट सब के लिए सामान काम सामान वेतन
02. न्याय मिलने की तय समय सीमा
03. राजनीती में अधिकतम आयु सीमा
04. राजनीती में एक ही पद पर दो बार से अधिक नहीं रहे सके
05. जानसंख्या वृद्वि पर तुरंत रोक
06 .भ्रष्ट कर्मचारियों को सस्पेंड नहीं टर्मिनेट करे
07. पुरे देश में सभी परिवारों के फाइनेंसियल, प्रोपर्टी, शिक्षा जैसे रिकॉर्ड ऑनलाइन हो
08. सभी को काम मिले या उचित मुआवजा मिले
09. महंगाई भत्ता प्रत्येक नागरिक के लिए हो
10. सभी परिवारों को घर मिले, एक से अधिक घर होने पर टैक्स लगे
11. टैक्स बढ़ाने पर नहीं बल्कि टैक्स वसूलने पर जोर देने की जरुरत है।
12. पुरे देश को कैशलेस (ई - ट्रांजेक्शन ) आधारित बनाना होगा।